Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025: बिहार सरकार द्वारा मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने एवं जलाशयों के माध्यम से रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से बिहार जलाशय मत्स्यकी विकास योजना 2025 की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत राज्य के विभिन्न जिलों के चयनित जलाशयों में आधुनिक तकनीकों से मछली पालन (जैसे कि केज कल्चर) को बढ़ावा दिया जाएगा।
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025: पात्र लाभार्थियों को केज निर्माण, मछली बीज क्रय, खाद-चारा आदि पर 60% से 70% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) वर्ग के लिए अधिकतम सहायता राशि निर्धारित है। आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 है, और इच्छुक लाभार्थी आधिकारिक मत्स्य विभाग की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के जलाशयों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना, मत्स्य उत्पादन को सशक्त करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए अवसर पैदा करना है।
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025: Overviews
Post Name | Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025: बिहार सरकार मछली पालन और मत्स्य उत्पादन के लिए अनुदान, जाने पूरी जानकारी |
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Post Type | Sarkari Yojana |
Post Date | 25-06-2025 |
Scheme Name | Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025 |
Apply Mode | Online |
Official Website | fisheries.bihar.gov.in/Default.aspx |
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025
बिहार सरकार ने Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025 (जलाशय मत्स्यिकी विकास योजना 2025) शुरू की है, जिसका मुख्य उद्देश्य जलाशयों में आधुनिक मछली पालन तकनीकों के माध्यम से मत्स्य उत्पादन बढ़ाना और ग्रामीण आजीविका सशक्त बनाना है। योजना पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अंतर्गत संचालित है और मछुआरों एवं किसानो को लक्षित करती है
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025 योजना का क्रियान्वयन :- योजना का क्रियान्वयन दक्षिणी बिहार के जिलो में लागू की जाएगी जहां जलाशय अवस्थित है – इसमें बाँका , जमुई, सासाराम, कैमूर, मुंगेर, लखीसराय आदि प्रमुख है
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025: Application Dates
बिहार जलाशय मत्स्यकी विकास योजना 2025 के तहत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इच्छुक लाभार्थी अब इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं। विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अनुसार, ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है।
Particulars | Details |
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Online Application Start Date | Already Started |
Online Application Last Date | 31-08-2025 |
Mode of Application | Online |
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025: इसके तहत मिलने वाले लाभ
अवयव का नाम | इकाई |
मत्स्य अंगुलिका संचयन आधारित मत्स्य प्रग्रहण मात्स्यिकी (हेक्टेयर में) | 0.06 लाख/हेक्टेयर |
जलाशय में केज का अधिष्ठापन | 3.00 लाख/केज |
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025: इस योजनान्तर्गत अनुदान देय
संचयन आधारित मत्स्य प्रग्रहण पर सभी वर्गों के लाभुको को इकाई लागत का 60 प्रतिशत
केज अधिष्ठापन अवयव के तहत सामान्य वर्ग को 60 प्रतिशत
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग को 80 प्रतिशत शेष राशी लाभार्थी के द्वारा बैंक ऋण/ स्वयं के द्वारा वहन किया जायेगा.
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025: चयन प्रक्रिया
जलाशय का बंदोबस्तदार, व्यक्तिगत रूप से/ समूह (ग्रुप लीडर) /समूह में इसके आवेदक होंगे.
समूह में केज विशेष हेतु आवेदन किया जा सकेगा.
व्यक्तिगत लाभुक को केज के लिए अधिकतम 18 केज तथा समूह में 06 केज प्रति सदस्य की अधिकतम 72 केज अधिष्ठापन की अनुमान्यता होगी.
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025: आवेदन प्रक्रिया
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025के लिए लिए आवेदन करने के लिए आपको fisheries.bihar.gov.in के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा.
इसका लिंक आपको निचे मिल जायेगा,
वहां जाने के बाद आपको इसके लिए आवेदन करने का लिंक मिलेगा.
जिस पर क्लिक करके आपको अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा.
इसके बाद आपको इसका Login ID & Password मिलेगा.
जिसके माध्यम से Login करके आप इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है.
Bihar Jalashay Matsyaki Vikas Yojana 2025: Important Links
निष्कर्ष:
बिहार जलाशय मत्स्यकी विकास योजना 2025 राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य जलाशयों का बेहतर उपयोग करते हुए मत्स्य उत्पादन को बढ़ाना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत पात्र मछुआरों व किसानों को 70% तक की सब्सिडी दी जाती है,
जिससे वे कम लागत में मछली पालन कर सकें। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है, जिससे पारदर्शिता और पहुंच सुनिश्चित होती है। यह योजना न केवल आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।